क्या आप जानते है ग्लास ऑफ डेजर्ट के बारे में ?


आज तक आप लोगों ने इस दुनिया में बहुत से अनोखे और अनमोल रतन हीरे पत्थर देखे होंगे। लेकिन जिसके बारे में आज हम बात करने वाले हैं यह हीरा या पत्थर बहुत ही ज्यादा अनोखा और अनमोल है।
हम बात करें हैं इजिप्ट के राजा Tutankhamun जिन के खजाने में एक नेकलेस से यह पत्थर मिला था।
3500 साल पहले तूतनखामेन इजिप्ट के राजा हुआ करते थे।
गीजा पिरामिड से 650 किलोमीटर दूर Velly of kings के नाम की जगह हैं, जहां पर इजिप्ट के राजा के टॉम्ब को बहुत ही शानदार तरीके से बंद करके वहां पर रखा जाता था । जिनके साथ उनके खजाने को भी वहां पर दफना दिया जाता था । समय के साथ वहां पर लुटेरे उस खजाने को लूट लेते थे । लेकिन Tutankhamun का टॉम्ब सही अवस्था में वहां पर मिला था । लेकिन यह टॉम्ब वहां पर बच गया था ।
लेकिन जब यह तो मिला तो दुनिया में लोगों को हैरान कर दिया और उन्हें देखने के लिए पूरी दुनिया से जगह-जगह से लोग वहां पर इकट्ठा हो गए।
इस खजाने में मिली लगभग चीजें असली सोने की थी। और एक नेकलेस जो तरह-तरह के रंगों के पत्थरों से जुड़ा हुआ था । नेकलेस के बीच में लगा एक हरा और पीले रंग का पत्थर सबसे अलग था।
खजाने में मिली बाकी चीजें तो लोगों की पहचान नहीं आ रही थी लेकिन यह पत्थर आज तक इससे पहले कभी किसी ने नहीं देखा था।
जब शोधकार्ता ने इसकी जांच की तो उन्हें यह पत्थर इस धरती पर किसी भी टुकड़े का नहीं लगा।
पूरी दुनिया से बड़े-बड़े शोधकर्ता और वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की है पर इसकी सच्चाई से पर्दा नहीं उठ सका।
हमारी धरती पर 200 से भी ज्यादा जेम्स स्टोन पाए जाते हैं।
इस पत्थर के टुकड़े में कुछ तो खास था जो लोगों को हैरान कर रहा था
वहां पर रहने वाले लोगों ने तो यह तक मान लिया था कि यह पत्थर इस धरती का ना होकर किसी बाहरी दुनिया से लाया गया है ।
पर वैज्ञानिकों को यह बात हजम नहीं हो रही थी,
लेकिन कुछ सालों के बाद आधुनिक तकनीक से पहली बार इस पत्थर का लैब में टेस्ट किया गया । क्योंकि उनका मानना था कि इस टेस्ट के बाद इसकी असल सच्चाई सबके सामने आ जाएगी । लेकिन यह मामला सुलझने के बजाय और उलझ गया क्योंकि टेस्ट के बाद पता चला कि यह कोई पत्थर नहीं बल्कि एक कांच का टुकड़ा है।
लेकिन उनको एक बात अब भी समझ में नहीं आ रही थी कि कांच जो एक लावा से बनता है क्योंकि जब लावा जलता हुआ एकदम से ठंडा हो जाता है तो ए क्रिस्टल ग्लास के रूप में बन जाता है , जिसका रंग कुछ काला होता है। लेकिन यह कांच का टुकड़ा सबसे अलग था लैब में पता चला कि 18०० डिग्री सेल्सियस के तापमान में से बनाया गया है । लेकिन खदानों से निकलने वाला लावा सिर्फ 11०० डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है।
लेकिन दुनिया में मौजूद बुद्धिमान लोगों को और भी ज्यादा परेशान कर रहा था क्योंकि 35०० साल पहले ईजिप्ट के राजा के पास यह आया तो आया कैसे ?
3 साल गुजर गए पर इस पहेली का हल किसी के पास नहीं था।
लेकिन फिर वह दिन आ ही गया तो जिसका सबको बेसब्री से इंतज़ार था , अफ्रीका का सहारा रेगिस्तान आपको पता है कितना बड़ा है उसका एक छोटा सा हिस्सा इजिप्ट में भी आता है। इजिप्ट रेगिस्तानी इलाके से एक बार एक काफिला गुजर रहा था । उन्होंने देखा कि इस गरम रेत पर दूर-दूर तक कुछ चमक रहा है। पास जाकर देखा तो हजारों नहीं लाखों कांच के टुकड़े वहां पर बिखरे पड़े हैं। और यह कांच के टुकड़े उसी किसम की है जो राजा के नेकलेस में मिला था ।
लेकिन यह बहुत हैरानी की बात थी क्योंकि वहां से सालो तक कोई नहीं गुजरता वहां पर कांच के टुकड़े कैसे भी आ सकते हैं ।
यह बात इजिप्ट में आग की तरह फैल गई ओर रिसर्च टीम को यह बात पता चल गई जो सालों से इस नेकलेस की पहेली पर काम कर रहे थे ।
अब उन्हें इस बात का पता लगाना था कि यह कांच के टुकड़े यहां पर आये कैसे । इसी बात का पता लगाने के लिए रिसर्च टीम रेगिस्तान की ओर बढ़ गई और 3 दिन और तीन रातों का सफर तय करने के बाद हो उस जगह पहुंच गए । जहा पर उन लोगों को ऐसे भारी मात्रा में कांच के टुकड़े जमीन के ऊपर और जमीन के नीचे दबे हुए मिले।
आधुनिक लैब में इन टुकड़ों के जांच करने के बाद पता चला कि यह 3000 करोड़ साल पुराने हैं । और इजिप्ट के उस रेगिस्तानी हिस्से को ग्लास ऑफ डेजर्ट का नाम दे दिया गया। आखिरकार वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को इस पहेली का जवाब मिल ही गया। पूरी रिसर्च और जांच के बाद पता चला कि करोड़ों साल पहले आसमान से कोई उल्का पिंड रेगिस्तान में गिरा था जिसकी वजह से वहां पर गिरने से उसके टुकड़े हो गए और वह कांच के टुकड़े उसी का हिस्सा थे।