प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी से जुड़ी कहानियों के लिये वेबसाइट लॉन्च

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़ी हुई कहानियों पर एक वेबसाइट शनिवार को लांच की गई जिसका नाम है द मोदी स्टोरी ।
इस वेबसाइट को महात्मा गांधी की पोती सुमित्रा गांधी कुलकर्णी ने लांच किया ।

इस वेबसाइट पर आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े के किस्सों की जानकारी मिल सकती है ।
इनमें इमरजेंसी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिख बनना या अापने सव्य सेवक के घर पर पानी के साथ सूखी रोटी खाना ।
दुनिया में बहुत कम लोग होंगे जो इन कहानियों को पहले सुना होगा या जानते होंगे ।
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस वेबसाइट के लिंक modistory.in को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए कहा कि इसमें आप देख सकते हैं कि मोदी का जीवन कितना कठिन वह मानवीय रहा था ।
वेबसाईट पर भारतीय जैवलिन थ्रो ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक वीडियो मैसेज शेयर किया ।
उन्होंने मोदी जी से अपनी पहली मुलाकात के अनुभव को साझा किया ।


मैदा की जब हम मोदी जी से मिले तो में यह महसूस नहीं हुआ कि हम एक प्रधानमंत्री से मिल रही है।
उन्होंने बताया कि जब हम उनसे मिले तो उन्होंने प्रत्येक खिलाड़ी के साथ बात की वह हमारे जीवन के बारे में काफी कुछ जानते थे ।
उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में खेल के स्तर को काफी बढ़ावा मिला है ।
द मोदी स्टोरी में उनकी जीवनी पर गहराई से कुछ बातों को शेयर किया गया है ।
इस वेबसाइट पर तमाम उन लोगों का तजुर्बा या एहसास जिन्होंने मोदी जी को करीब से देखा या जाना है वह सब कुछ लिखा हुआ है ।
बड़ी-बड़ी हस्तियों ने इस वेबसाइट की सराहना की है।
यह एक मोटिवेशनल का शुरुआत बताया गया है आने वाली पीढ़ियों के लिए।
इस वेबसाइट पर लिखा है जीवनी के अनुसार मोदी जी बचपन से ही आर्मी स्कूल में जानना चाहते थे।
पिक्चर का कहना है कि वह बचपन से ही सन्यासी बनने की इच्छा रखते थे और वह एक बार अपना घर भी छोड़ चुके थे।
मोदी जी के पड़ोसी के मुताबिक उन्होंने बताया कि वे इमरजेंसी में सीख बन गए थे।
ऐसा उन्होंने पुलिस वालों से बचने के लिए किया था।
एक बार अपने घर से बाहर थे और एक पुलिस वाले ने जब उनसे पूछा कि नरेंद्र मोदी कहां मिलेंगे तो उन्होंने कहा मुझे नहीं पता है ।
6 भाई बहन वाले परिवार में मोदी जी का बचपन बेहद गरीबी में बीता है ।


वडनगर रेलवे स्टेशन पर उनके पिता की चाय की दुकान थी।
स्कूल से वापस आने पर नरेंद्र मोदी उनके पिता के साथ दुकान पर काम करते थे और उनका हाथ बटाने में मदद करते थे ।
आपके डॉक्टर अनिल राव ने 1910 में मोदी जी की यात्रा के साथ उन्होंने एक किस्से का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि मोदी जी को एक सेवक ने अपने घर पर भोजन का निमंत्रण दिया ।


मैं सेवक अपनी पत्नी और बच्चे के साथ देख झोपड़ी में रहता था।
जब मोदी जी वहां पर पहुंचे तो उन्होंने एक रोटी है आधा गिलास दूध उनको दिया।
लेकिन अपनी मां की गोद में बेटा बच्चा दूध के उस गिलास की तरफ देख रहा था ।
जिसे मोदी जी समझ गए कि वह दूध उसके लिए था तब उन्होंने वह दूध उस बच्चे को दे दिया और उन्होंने पानी के साथ एक रोटी खाकर वहां से आ गए ।

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