एक ऐसी कहानी जिसे सुनकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे


सोचिए केसा होगा जब आप बिलकुल एकेले हो और आपके पास ना कुछ खाने के लिए हो ना कुछ पीने के लिए हो !
सोने के लिए जमीन ना हो और ना ही सर पर छत हो
जी हां यह कहानी है एक ईसे इंसान की जो ना चाहते हुए वि समुंदर में एकले 438दिन जिंदा रहना का रिकॉर्ड बना चुका है
José Salvador AlvarengaJosé Salvador Alvarenga यही नाम है उस इंसान का जिसकी कहानी आप पड़ रहे हो
Alvarenga मेक्सिको का रहना वाला है और पेशे से वो एक फिशरमैन है
17 नवंबर 2012 को भी रोज की तरह Salvador Alvarenga अपने एक दोस्त Ezequiel Córdoba के साथ समुंदर में मछली पकड़ने जाते हैं
उन्हें पहले से यह खबर थी की आज तूफान आने वाले हैं फिर भी वह लालच करते है और तट से 120 किलोमीटर दूर परसांत महासागर की तरफ चले जाते हैं अपनी 7मीटर की एक नाव लेकर जिसके ऊपर ना छत है और ना ही कोई कमरा उस पर सिर्फ एक छोटा सा आइस बॉक्स और एक छोटी मोटर नाव को चलाने के लिए लगी होती हैं।
मछली पकड़ते पकड़ते उनको रात हो जाती है और करीब
एक बजे उन्हें यह एहसास होता की हवा तेज हो रही हैं और मौसम खराब होने लगा है जिसके बाद वो तेजी से किनारे की तरफ भागते हैं पर दुर्भाग्य से 24 किलोमीटर तट से पहले उनकी नाव चलाने वाली मोटर खराब हो जाती है जहा से उन्हे जमीन और पहाड़ दिखाई दे रहे होते है ।
मदद के लिए वह अपनी नाव पर लगे रेडियो से बॉस को अपनी लोकेशन बताते है और बॉस उनकी मदद के लिए कुछ लोग भेजता है लेकिन Alvarenga और उसके दोस्त की बदकिस्मती यही उनका साथ नहीं छोड़ती है और रेडियो की बैटरी चार्ज ना होने की वजह से रेडियो बंद हो जाता हैं और हवा और तेज चलने लगती है। जिसकी वजह से उनकी नाव पानी के बहाव का सामना नही कर पाती है और तट से दूर जाने लगती है धीरे धीरे वह दोनो तट से काफी दूर चले जाते हैं ।
उनके बॉस को जब वह दोनो नहीं मिलते है तो वो उनको डूडने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाता हूं पर 4 दिन तक जब दोनो का कोई पता नहीं चलता तो वो भी हारकर उन्हे डूडना बंद कर देता है
ईसी तरह तेज बहाव तैरते हुए वे महासागर के बीच पहुंच गए अब उनके पास खाने के लिए मछली केकड़े, सुंदर पक्षी ही थे पीने के लिए पानी नहीं था क्योंकि समुंदर का पानी इतना खारा होता है की उससे इंसान की मौत भी हो सकती हैं इसलिए उन दोनो ने समुंदर में तैरती होई प्लास्टिक की बोतल इक्ठी की और उनमें बारिश का पानी बरने लगे और जब बारिश नही होती थी तो वह अपने पेसाब या कछुए के खून से अपनी प्यास बुझाते
इसी तरह उनकी जिंदगी नीले समंदर में चलाती रही और करीब चार महीने बाद Alvarenga के दोस्त ने जीने की उम्मीद छोड़ दी और धीरे उसकी तबियत वी खराब हो गई क्यूंकि वो खाना नही खाता था और एक दिन 17हफ्ते के बाद उसकी मौत हो जाती है और उसके बाद Alvarenga बिल्कुल एकला पड़ जाता है उस माहासागर में जो धरती की कुल जमीन से 3गुणा बड़ा है ,
अपने दोस्त के मरने के 4 दिन बाद Alvarenga भी जीना नहीं चाहता था और उसने खुदकुशी करने का फैसला किया पर वो ऐसा नही कर पाया क्यूंकि कही ना कही उसे लगता था की कोई उसे बचा लेगा जिस जगह Alvarenga फसा था वाह जाहजो का आवग्मन भी बहुत कम होता था लेकिन 8 महीने बाद उसे एक कार्गो जहाज दिखाई देती है और वो उसे आवाज भी लगाता है पर उसको मदद नहीं मिलती है क्योंकि उसके पास संकेत देने के लिए फ्लेरेगन जैसा कोई उपकरण नही होता है
अब 14 महीने बाद Alvarenga की किस्मत खुलती हैं 30 जनवरी को जब उसे अपनी नाव के पास से कुछ नारियल तैरते हुए दिखाई देते है और आसमान में उड़ते पक्षी ,
अब उसे उम्मीद की एक किरण दिखाई देती है उसकी नाव से कुछ दूरी पर एक टापू जैसे ही वह उस टापू को देखता है अपनी नाव से कूद कर टापू की तरफ तैरने लगता है
और अब पहली बार 14 महीने के बाद उसने जमीन देखी और छुई वहा उसे अपने अलावा कुछ और लोग भी दिखाई देते है जिन्हे वह अपने बारे में बताता है और वह उसकी मदद करते हैं उसे वापिस अपने देश अपने घर भेजने में
यह थी
José Salvador Alvarenga की एक सच्ची कहानी